हरियाणा की रहने वाली कमलेश जी अपना जीवन बहुत ही स्वस्थ और सेहतमंद होकर बिता रही हैं। उन्हें ना तो कोई परेशानी है और ना ही वे किसी बीमारी से पीड़ित हैं। यदि व्यक्ति 50 की उम्र पार कर ले तो उसे कोई ना कोई बीमारी आकर घेर ही लेती है और सही ढंग से फिर उसका इलाज भी नहीं हो पाता है। ऐसी स्थिति आने से पहले ही व्यक्ति को खुद की सेहत का पूरी तरह से ख्याल रखना बेहद जरूरी होता है। अन्यथा शरीर को बढ़ती उम्र के साथ इसका खामयाजा भुगतना पड़ता है। चलिए आज हम आपको कमलेश जी की और उनके परिवार के बारे में बताते हैं कि किस प्रकार कमलेश जी खुद तो स्वस्थ हुईं ही साथ ही अपने परिवार को भी स्वस्थ किया।
कमलेश जी हरियाणा की रहने वाली हैं और उनकी उम्र 55 साल है। 55 साल की कमलेश जी अपना और अपने परिवार की सेहत का पूरा ख्याल रखती हैं। कमलेश जी हमेशा से ही मददगार महिला रही हैं। लोगों को समस्याओं में देखकर वह उनकी सहायता करे बिना रह नहीं पाती। यह तो उनके बातचीत करने के ढंग से ही पता चलता है। उनका बहुत ही छोटा सा परिवार है। उनके परिवार में उनके पति, दो बेटे, दो बहु, एक पोता और एक पोती है। दादी बनी कमलेश जी अपने पोते और पोती के साथ काफी अच्छे से जीवन बिता रही हैं। कमलेश जी के पति खेती करते हैं और उनका एक बेटा भी अपने पिता के साथ खेती करता है। उनका दूसरा बेटा बैंक में कार्यरत है। अब बात करते हैं कमलेश जी के पुराने समय की जिसमें वह काफी परेशानियों का सामना कर रही थीं।
कमलेश जी को करीब 15 साल से कमर में दर्द रहने की समस्या थी। इसी समस्या के कारण उनका उठना-बैठना भी काफी मुश्किल हो रहा था। इस समस्या से राहत पाने के लिए कमलेश जी एलोपैथिक दवाओं का इस्तेमाल किया करती थीं। लेकिन एलोपैथिक इलाज से भी कमलेश जी को आराम नहीं लग रहा था। दवाओं के असर रहने तक कुछ समय तो आराम रहता लेकिन हालत फिर वैसी की वैसी ही। कमलेश जी बताती हैं कि उन्होंने अपनी समस्या के लिए ऐसा कोई डॉक्टर नहीं बचा जिससे उन्होंने अपना इलाज ना कराया हो। लेकिन इन सब के बावजूद भी कमलेश जी के कमर का दर्द ठीक होने का नाम ही नहीं ले रहा था। कमलेश जी के साथ ही उनके पति को भी शरीर में दर्द की समस्या थी। उनके पति भी अपना अधिकतर समय बिस्तर पर ही बिताया करते थे। माता-पिता की ये हालत देखकर बच्चे भी काफी परेशान रहने लगे। लेकिन आखिर कर भी क्या सकते हैं। बच्चों ने भी हर तरह का इलाज करा लिया था।
चारों तरफ से निराश कमलेश जी को अपने स्वस्थ होने का कोई रास्ता दिखाई नहीं दे रहा था। धीरे धीरे समय बीता और कमलेश जी को मिला कुछ ऐसा कि उसके बाद तो मानो उनकी जिंदगी ही बदल गयी हो। कमलेश जी अपना अधिकतर समय घर पर ही बिताया करती थीं। एक दिन टीवी देखते हुए उनकी नजर हकीम सुलेमान खान साहब पर पड़ी। दरअसल उस समय हकीम साहब का बहुचर्चित शो सेहत और जिंदगी चल रहा था। कमलेश जी ने उनका शो देखा और वे हकीम साहब से काफी प्रभावित हुईं। कमलेश जी बताती हैं कि उन्होंने हकीम साहब का शो रोजाना देखना शुरू कर दिया। उन्होंने अपनी समस्या के लिए हकीम साहब के घरेलू नुस्खे अपनाना शुरू कर दिया। जब घरेलू नुस्खों से आराम होने लगा तो उन्होंने ये नुस्खे अपने पति को देना शुरू कर दिया। कमलेश जी और उनके पति को हकीम साहब पर भरोसा हो गया और उन्होंने फोन पर हकीम साहब पर संपर्क किया। हकीम साहब ने उन्हें उनकी समस्या के लिए सबसे कारगर औषधि गोंद सियाह का सेवन करने की सलाह दी। कमलेश जी ने बिना देरी किये ATIYA HERBS से असली गोंद सियाह मंगा लिया और दिये गये निर्देश अनुसार उसका सेवन करना शुरू कर दिया।
कमलेश जी बताती हैं कि गोंद सियाह के सेवन करने से कुछ समय में ही उनकी कमर का दर्द मानो गायब सा होने लगा हो। उनके पति को भी आराम होने लगा। जहाँ उनके पति को जंगल भी गाड़ी से जाना पड़ता था आज वे खुद पैदल चलकर चले जाते हैं। कमलेश जी हकीम जी की यूनानी औषधियों को अपनाकर बिल्कुल स्वस्थ हो गयी हैं और उनका परिवार भी हकीम साहब के घरेलू नुस्खे अपनाकर स्वस्थ हो गया है।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
गोंद सियाह क्या है ?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्य है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू (हिंदी)। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता हैं। यह एक मध्यप्रमाण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। वह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमे उस पेड़ के ही औषधीय गुण पाए जाते हैं गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द, शरीर की कई बीमारियों को हम से दूर रखता है।
कमलेश जी और उनका पूरा परिवार आज सेहतमंद जिंदगी बिता रहा है। साथ ही वे हकीम साहब के नुस्खों को लोगों तक पहुँचा कर उनकी मदद कर रही हैं। कमलेश जी का कहना है कि वे अब तक करीब 50 लोगों की मदद कर चुकी हैं। किसी को पेट की समस्या में आराम मिला तो किसी को गठिया की समस्या में आराम मिला है। सभी कमलेश जी का बहुत एहसान मानती हैं और उनका काफी सम्मान करती हैं।
कमलेश जी का कहना है कि हकीम साहब उनके और उनके परिवार के लिए भगवान का रूप बनकर आये हैं। उन्हें जितनी बार याद करें उनके लिए बस दुआ ही निकलती है। हकीम साहब लोगों की सेवा करके पुण्य का काम कर रहे हैं।