हरयाणा नागपुर गाओं की रहने वाली दयावती जी अपने छोटे और हंसते खेलते परिवार के साथ जीवन बीता रही हैं। उनके परिवार में 5 लोग हैं । उनके परिवार पति महेंद्र सिंह जी, एक बेटा और एक बेटी, बेटी का एक छोटा सा बेटा भी दयावती जी के साथ रहता हैं। दयावती जी का बेटा मुंबई में बिज़नेस करता है। दयावती जी की बेटी स्टेट बैंक में मैनेजर की नौकरी करती है। दयावंती जी के पति 5 साल पहले डीटीसी में रिटायर हो गए थे।
दिल्ली के हरयाणा नागपुर गाओं के लोग दयावती जी के परिवार का काफी सम्मान करते हैं। दयावती जी एक सम्मानित गृहिणी हैं, जिन्होंने अपना घर पूरी ज़िम्मेदारी के साथ संभाला। दयावती जी बहुत मददगार प्रवृति वाली महिला हैं. वो हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहती हैं. दयावती जी काफी सुलझी हुई और दयालु महिला हैं, इसलिए लोग उनका बहुत सम्मान करते हैं। https://bitly.cx/pXhp
कुछ साल पहले दयावती जी के पति महेंद्र सिंह जी के घुटने में दर्द हुआ और दर्द धीरे-धीरे इतना बढ़ गया कि वह चल फिर भी नहीं पाते थे. उनके पति इस दिक्कत से जूझ ही रहे थे की तब तक उन्हें हार्ट ब्लॉकेज शुरू हो गयी जिसकी वजह से वो पूरी तरह से बेड पर रहने लगें। यही नहीं इसके साथ साथ उन्हें कमर की दिक्कत भी शुरू हो गयी.
उन्होंने कई डॉक्टर्स को दिखाया। महेंद्र सिंह जी ने अपनी तकलीफों के लिए ना जाने कितने डॉक्टर्स बदले, और ना जाने अपने इलाज पर कितने रुपए लगाए। लेकिन उन्हें अपनी दिक्कतों में फायदा ही नहीं मिल रहा था। महेंद्र सिंह जी अपने इतनी दिक्कतों के कारण बेड से उठ भी नहीं पाते थे। https://bitly.cx/pXhp
उनके इस मुश्किल समय में दयावती जी ने उनका पूरा साथ दिया. महेंद्र सिंह जी अपने दर्द से बिल्कुल हार मान चुके थे, पर कहते हैं ना जब सारे रास्ते बंद हो जाते हैं तो ऊपरवाला किसी को फरिश्ता बना कर मदद के लिए भेजता है ओर दयावती जी के पति महेंद्र सिंह जी की जिंदगी में वो फरिश्ता हकीम सुलेमान खान साहब साबित हुए।
दयावती जी एक दिन टीवी देख रही थीं. तभी उन्होंने हकीम सुलेमान खान साहब जी का शो, ”सेहत और ज़िंदगी” देखा। दयावती जी हकीम साहब द्वारा लोगों की मदद करने की कोशिश से वह काफी प्रभावित हुई और वह हकीम साहब की फैन हो गई.
साथ ही नियमित रूप से शो देखने लगी. दयावती जी को हकीम साहब के रूप में अपने पति के लिए एक नई उम्मीद दिखाई देने लगी। दयावती जी हकीम सुलेमान खान साहब जी का शो, ”सेहत और ज़िंदगी” में पहली बार गोंद सियाह के बारे में सुना और हकीम साहब जी द्वारा सुझाया गया असली गोंद सियाह Atiya Herbs से मंगवाया, और पूरे नियम के साथ जैसा हकीम साहब जी ने बताया था वैसे ही अपने पति महेंद्र सिंह जी को खिलाया।
सिर्फ कुछ ही दिनों के अंदर महेंद्र सिंह जी को चमत्कार दिखना शुरू हो गया। उनके घुटनो में दर्द कम होने लगा। इसके बाद उन्होंने गोंद सियाह का सेवन तब तक किया जब तक हाकिम साहब ने बतया, और अब महेंद्र सिंह जी के घुटनो दर्द में बिल्कुल आराम है।
साथ ही उनकी हार्ट ब्लॉकेज की समस्या में भी आराम है। अब महेंद्र सिंह जी वो सारे काम कर पाते हैं, जो वो अपने घुटने के दर्द में नहीं कर पाते थे। हकीम साहब के घरेलू नुस्खों ने महेंद्र जी की ज़िंदगी बदल कर रख दी. आज दयावती जी और महेंद्र जी, उनके दोनों बच्चे, हकीम साहब जी का बहुत धन्यवाद करते हैं, और इतना ही नहीं, अब हकीम सुलेमान खान जी द्वारा बताएं गए हर्बल नुस्खे का सेवन उनका पूरा परिवार, दोस्त और रिश्तेदार सब करते है।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
गोंद सियाह क्या है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है । यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्य है । इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू (हिंदी) । यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता हैं । यह एक मध्यप्रमाण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है । गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है । वह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमे उस पेड़ के ही औषधीय गुण पाए जाते हैं गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द, शरीर की कई बीमारियों को हम से दूर रखता है ।
दयावती जी अब हकीम सुलेमान खान जी के द्वारा बताए गए नुस्खों का इस्तेमाल दूसरों की जिंदगी को संवारने के लिए भी करती है वह अपने गांव के जिन लोगों को कोई भी समस्या होती है उनके लिए दवाइयां मंगवा कर उन्हें जिस तरीके से हकीम सुलेमान खान जी बताते हैं उस तरह बनाकर लोगों को देती है। दयावती जी अब हकीम सुलेमान खान जी के द्वारा बताए गए नुस्खों का इस्तेमाल दूसरों की जिंदगी को संवारने के लिए भी करती है वह अपने गांव के जिन लोगों को कोई भी समस्या होती है उनके लिए दवाइयां मंगवा कर उन्हें जिस तरीके से हकीम सुलेमान खान जी बताते हैं उस तरह बनाकर लोगों को देती है।
दयावती जी ने ऐसी कई बड़ी बीमारियों वाले कम से कम 26 से 27 लोगों की मदद की है और ना जाने कितनी छोटी-छोटी दिक्कत के लिए भी वह हकीम सुलेमान खान जी का नुस्का लोगों को देती आ रही है।