जीवन में परेशानियों का आना जाना तो लगा रहता है लेकिन उन परेशानियों से डटकर मुकाबला करना ही जिंदगी है। इस परिस्थिति में भी खुद को स्वस्थ और सेहतमंद रखना बहुत जरूरी होता है। एक उम्र के बाद लोग खुद को बुढ़ापे के ढ़ांचे में ढालना शुरू कर देते हैं और अपनी समस्याओं को स्वीकारना भी। लेकिन कुछ लोग उम्र को ना देखकर खुद को स्वस्थ करने के लिए हर समय तैयार रहते हैं। आज हम ऐसी ही एक आत्मकथा बताने वाले हैं। जिन्होंने काफी उम्र होने के बाद भी अपनी परेशानियों से राहत पा ली है। उनका नाम है रोशनी देवी।
रोशनी देवी दिल्ली की ही रहने वाली हैं और उनकी उम्र 66 वर्ष हो चुकी है। यह तो उनकी सेहत देखकर ही पता चलता है कि रोशनी जी ने सारी उम्र खुद को स्वस्थ और सेहतमंद रखा है। रोशनी जी का बहुत ही छोटा सा परिवार है। उनके परिवार में उनकी बेटी है जिसकी शादी हो गयी है। इसी लिए वह घर में अकेली रहती हैं। अकेली रोशनी जी ने अपनी बेटी की परवरिश में कभी कोई कमी नहीं आने दी।
वैसे तो रोशनी जी हमेशा से ही खुद की सेहत पर ध्यान देती हैं लेकिन कोरोना के समय उन्हें डिस्क और नसों में समस्या होने लगी। जिसकी वजह से उनका काम करना काफी मुश्किल हो गया। जिसके बाद रोशनी जी ने अपना इलाज कराना शुरू किया। इलाज चलता रहा लेकिन उन्हें कोई ज्यादा फर्क महसूस नहीं हुआ। परिणाम यह निकला कि रोशनी जी को अपना अधिकतर समय बिस्तर पर ही गुजारना पड़ा। घर के काम काज करने में भी रोशनी जी को काफी समस्या होने लगी। वजन उठाने से लेकर बर्तन साफ करना उनके लिए मुश्किल हो गया था।
रोशनी जी खुद को लेकर काफी चिंतित रहने लगीं। उनकी इस स्थिति को देखकर उनकी बेटी भी परेशान थी। रोशनी जी चारों तरफ से बीमारियों से घिर चुकी थीं। कई डॉक्टरों से इलाज कराने के बाद भी रोशनी जी का स्वस्थ होना मानों एक चुनौती सा बन गया हो। लेकिन कहते हैं ना बुरे वक्त की एक अच्छी आदत होती है कि वक्त कितना ही बुरा हो आखिर में गुजर ही जाता है। बस रोशनी जी का बुरा वक्त भी गुजरने ही वाला था। उनके जीवन में भी नाम की तरह ही रोशनी आने वाली थी। वे एक ऐसे महान व्यक्ति से जुड़ी जिसकी वजह से रोशनी जी आज बेहद सेहतमंद जिंदगी बिता रही हैं। उन महान शख्स का नाम है हकीम सुलेमान खान साहब।
एक दिन टीवी देखते हुए रोशनी जी की नजर हकीम साहब के बहुचर्चित शो सेहत और जिंदगी पर पड़ी। सेहत और जिंदगी शो देखने के बाद रोशनी जी हकीम साहब से काफी प्रभावित हुईं। उन्होंने देखा कि कैसे हकीम साहब घरेलू नुस्खों से लोगों को स्वस्थ कर रहे हैं। बस फिर क्या था रोशनी जी ने भी अपनी समस्या के लिए हकीम साहब के घरेलू नुस्खों को अपनाना शुरू कर दिया। नुस्खों को अपनाने के कुछ समय बाद ही उन्हें आराम लगने लगा। डिस्क और नसों में दर्द की समस्या के लिए हकीम साहब ने उन्हें गोंद सियाह लेने की सलाह दी। रोशनी जी ने बिना देरी किये ATIYA HERBS से गोंद सियाह ऑर्डर किया और बताये गये निर्देश द्वारा उसे इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। रोशनी जी का कहना है कि गोंद सियाह के इस्तेमाल से मात्र कुछ समय में ही उन्हें आराम लगने लगा। लेकिन थोड़े आराम के बाद भी उन्होंने गोंद सियाह का इस्तेमाल बंद नहीं किया और इसका पूरा कोर्स किया। जिसका परिणाम यह निकला कि आज रोशनी जी खुद को स्वस्थ और सेहतमंद महसूस करती हैं। जो नसों की और डिस्क की समस्याएं उन्हें थी वह 90 फीसदी तक ठीक हो गयी थीं।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
गोंद सियाह क्या है ?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्य है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू (हिंदी)। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता हैं। यह एक मध्यप्रमाण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। वह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमे उस पेड़ के ही औषधीय गुण पाए जाते हैं गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द, शरीर की कई बीमारियों को हम से दूर रखता है।
आज हकीम साहब के यूनानी नुस्खों को अपनाकर रोशनी जी काफी सेहतमंद जिंदगी बिता रही हैं। अपनी सेहतमंद जिंदगी का सारा श्रेय वे हकीम सुलेमान खान साहब को दे रही हैं। साथ ही हकीम साहब के घरेलू नुस्खों को लोगों तक पहुंचा कर उनकी मदद कर रही हैं। खास बातचीत में उन्होंने कहा कि हकीम साहब बहुत ही अच्छे आदमी हैं। उनके लिए दिल से दुआएँ निकलती हैं। पहले मुझे काम करने में काफी तकलीफ होती थी लेकिन आज वे 8 से 10 किलों तक का वजन भी बहुत ही आसानी से उठा लेती हैं। यह हकीम साहब की मेहरबानी से ही संभव हो पाया है।